लुधियाना, 21 दिसंबर 2022 (न्यूज़ टीम): स्कोडा ऑटो इंडिया के इंडिया 2.0 प्रोजेक्ट में पहले से शामिल कुशाक और स्लाविया अच्छी तरह से स्थापित उत्पादों में विकसित हो गए हैं, लेकिन यह कंपनी की भारत 2.0 रणनीति का अंत नहीं है। कार निर्माता कंपनी स्कोडा ने अपने नेटवर्क के रूप में अपनी वृद्धि को जारी रखते हुए भारत भर में अपने ग्राहक संपर्क केंद्र की संख्यां बढ़ाकर 225 से अधिक कर ली है।
स्कोडा ऑटो इंडिया के ब्रांड निदेशक पेट्र सॉल्क ने कहा, “ग्राहक केंद्रियता और ग्राहकों की संतुष्टि स्कोडा ऑटो इंडिया की इंडिया 2.0 रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है। इसे हासिल करने की कुंजी हमारे नेटवर्क का विस्तार करना और हमारे ग्राहकों के करीब और अधिक सुलभ होना है। हमारे ग्राहक संपर्क केंद्र, जिनमें बिक्री और सेवा आउटलेट, कॉम्पैक्ट वर्कशॉप, शोरूम शामिल हैं, सभी हमारे लिए शानदार खरीदारी, स्वामित्व और रखरखाव का अनुभव प्रदान करने के मार्ग हैं। स्वामित्व की कम लागत, उद्योग-अग्रणी वारंटी और रखरखाव पैकेज के साथ, हमारे नेटवर्क की यह गहरी पहुंच हमारे ग्राहकों को जब तक उनके पास स्कोडा हो, एक शानदार अनुभव प्रदान करने के हमारे उद्देश्य का हिस्सा है।’’
स्कोडा ऑटो इंडिया के लिए 2022 सबसे बड़ा वर्ष रहा, जब कंपनी की सालाना बिक्री 50,000 कारों को पार कर गई, जबकि अभी वर्ष खत्म नहीं हुआ है। कंपनी ने पहले ही 2021 में अपनी वार्षिक बिक्री को दोगुना कर लिया है और भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका तीसरा सबसे बड़ा बाजार है। इंडिया 2.0 के आगमन के बाद से ग्राहक संपर्क केंद्र बढ़ाने की अपनी यात्रा पर, स्कोडा ऑटो इंडिया दिसंबर 2020 में 120, दिसंबर 2021 में 175 और अब 225 के साथ जल्द ही 250 संपर्क केंद्र की उपलब्धि को हासिल करने की राह पर है।
इन ग्राहक संपर्क केंद्र में पूरी तरह से डिजिटल शोरूम, डीलरशिप, सेल्स ब्रांच, सर्विस सेंटर और कॉम्पैक्ट वर्कशॉ आदि शामिल हैं।
दो महीने पहले, स्कोडा कुशाक एसयूवी सबसे हालिया ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (जीएनसीएपी) क्रैश टेस्ट में पूर्ण 5-स्टार सुरक्षा रेटिंग हासिल करने में सफल रही थी। मार्च 2022 में पेश की गई स्लाविया सेडान ने भारत में प्रीमियम मिड-साइज सेडान सेगमेंट को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें आज दहाई अंकों की वृद्धि देखी जा रही है। दोनों कारें MQB-A0-IN प्लेटफॉर्म पर आधारित हैं, जिसे विशेष रूप से भारतीय ग्राहकों के लिए विकसित किया गया था, जिसमें रखरखाव की कम लागत और 95% स्थानीयकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया था। ये इंडिया 2.0 वाहन अब लेफ्ट-हैंड-ड्राइव बाजारों जैसे खाड़ी देशों में निर्यात किए जाते हैं और 2024 में वियतनाम में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं।