लुधियाना, 15 अक्टूबर, 2025 (संजीव आहूजा): त्योहारों का समय खुशियों, उपहारों और बढ़ती खरीदारी का होता है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों पर आकर्षक छूट, सीमित समय की सेल और कैशबैक ऑफर लोगों को तेजी से खरीदारी करने के लिए प्रेरित करते हैं। इस उत्साह में कई बार लोग “बहुत अच्छा ऑफर” पाने की जल्दबाज़ी में बिना सोचे-समझे निर्णय ले लेते हैं। धोखेबाज़ (स्कैमर्स) इसी प्रवृत्ति का फायदा उठाते हैं और तकनीक के साथ-साथ अपने तरीकों को भी बदलते रहते हैं। ऐसे में जागरूकता और कुछ सतर्क कदम अपनाकर आप सुरक्षित और निर्बाध डिजिटल भुगतान का आनंद ले सकते हैं।
केवल आधिकारिक ऐप्स और वेबसाइट पर ही खरीदारी करें
धोखेबाज़ अक्सर असली वेबसाइट जैसी दिखने वाली नकली साइट्स और लिंक बनाते हैं, खासकर सेल के समय, ताकि वे आपकी निजी या भुगतान संबंधी जानकारी चुरा सकें। हमेशा वेबसाइट का पता स्वयं टाइप करें या आधिकारिक ऐप का उपयोग करें। प्रमोशनल ईमेल, एसएमएस या फॉरवर्ड किए गए संदेशों में दिए गए लिंक पर क्लिक न करें। अनजान स्रोतों से भेजी गई फाइलें या लिंक डाउनलोड न करें - इनमें हानिकारक सॉफ्टवेयर हो सकते हैं जो आपके डिवाइस तक पहुँच बना सकते हैं।
भुगतान केवल प्लेटफ़ॉर्म के भीतर ही पूरा करें
कुछ धोखाधड़ी वाले लिंक उपयोगकर्ताओं को शॉपिंग ऐप या वेबसाइट के बाहर किसी UPI आईडी या लिंक पर भुगतान करने के लिए प्रेरित करते हैं। हमेशा आधिकारिक चेकआउट पेज पर ही भुगतान करें और विक्रेता के विवरण की पुष्टि करें।
फ्री वाउचर और कैशबैक ऑफर्स से सतर्क रहें
कई संदेश पुरस्कार, कैशबैक या त्योहार गिफ्ट का वादा करते हैं और फिर OTP, अकाउंट डिटेल्स या “फीस” मांगते हैं। असली ऑफर कभी संवेदनशील जानकारी या अग्रिम भुगतान नहीं मांगते। किसी भी ऑफर में शामिल होने से पहले रुकें और सत्यापित करें।
अप्रत्याशित OTP अनुरोध को चेतावनी समझें
कुछ संदेश दावा करते हैं कि भुगतान विफल हो गया है या आपका अकाउंट ब्लॉक हो गया है और फिर OTP माँगते हैं ताकि “समस्या ठीक” की जा सके। OTP केवल उपयोगकर्ता द्वारा शुरू किए गए लेनदेन की पुष्टि के लिए होता है। बैंक या पेमेंट ऐप कभी फोन या संदेश के जरिए OTP नहीं मांगते।
दबाव में आकर कार्य न करें
धोखेबाज़ अकसर यह कहकर जल्दबाज़ी करवाते हैं कि ऑफर जल्द समाप्त हो जाएगा या अकाउंट ब्लॉक हो जाएगा। असली प्लेटफ़ॉर्म भय या दबाव का उपयोग नहीं करते। जवाब देने से पहले हमेशा एक पल रुकें और जांचें।
सुरक्षित लेनदेन अनुभव के लिए उपयोगकर्ताओं को ‘रुकें, सोचें, और फिर कार्य करें’ (Stop, Think, Act) के सिद्धांत को अपनाना चाहिए। अप्रत्याशित अनुरोध मिलने पर रुककर, जानकारी की पुष्टि करके और समझदारी से कार्रवाई करने से उपयोगकर्ता अपने लेनदेन को सुरक्षित रख सकते हैं और संवेदनशील जानकारी की रक्षा कर सकते हैं।