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फोर्टिस लुधियाना ने ‘स्ट्रोक प्रिवेंशन’ पर जागरूकता बढ़ाने के लिए वॉकाथॉन का आयोजन किया

फोर्टिस लुधियाना ने ‘स्ट्रोक प्रिवेंशन’ पर जागरूकता बढ़ाने के लिए वॉकाथॉन का आयोजन किया

लुधियाना, 30 अक्टूबर 2025 (संजीव आहूजा)
: विश्व स्ट्रोक दिवस के अवसर पर फोर्टिस अस्पताल, मॉल रोड, लुधियाना द्वारा एक वॉकाथॉन आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य लोगों में स्ट्रोक (लकवा) की रोकथाम, समय पर चिकित्सा सहायता लेने और स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों की पहचान के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना था। इस पहल के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि स्ट्रोक के मामलों में हर मिनट कीमती होता है और समय पर इलाज जीवन बचा सकता है।

कार्यक्रम में लगभग 60 स्थानीय निवासियों और फिटनेस प्रेमियों ने भाग लिया। सभी ने मिलकर स्ट्रोक जागरूकता के लिए पैदल मार्च किया। वॉकाथॉन की शुरुआत फोर्टिस अस्पताल, मॉल रोड, लुधियाना से की गई और प्रतिभागियों ने अस्पताल परिसर के आसपास की सड़कों पर चलकर स्वास्थ्य और रोकथाम की दिशा में सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक दिया।

वॉकाथॉन को गुरदर्शन सिंह मंगट फैसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस अस्पताल, मॉल रोड, लुधियाना, श्री सनवीर सिंह भांबरा, फैसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस अस्पताल, लुधियाना और श्री रवचरण सिंह बराड़ (पूर्व एसएसपी, संयुक्त पुलिस आयुक्त, लुधियाना – वर्तमान में कंसल्टेंट, पंजाब पुलिस अकाडेमी, फिल्लौर) ने हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर अस्पताल के प्रमुख न्यूरो विशेषज्ञ – डॉ. किरात सिंह ग्रेवाल (कंसल्टेंट – न्यूरोलॉजी), डॉ. विष्णु गुप्ता (डायरेक्टर – न्यूरो सर्जरी), डॉ. सौरव अग्रवाल (कंसल्टेंट – न्यूरोलॉजी), डॉ. वैभव टंडन (कंसल्टेंट – न्यूरोलॉजी) और डॉ. इरा चौधरी (एसोसिएट कंसल्टेंट – न्यूरोलॉजी) भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर श्री गुरदर्शन सिंह मंगट, फैसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस अस्पताल, मॉल रोड, लुधियाना ने कहा, “इस वॉकाथॉन के माध्यम से हमारा उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि स्ट्रोक एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें हर सेकंड मायने रखता है। यदि लोग स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को पहचानें और तुरंत अस्पताल पहुँचें, तो मरीज की स्थिति में बड़ा अंतर आ सकता है। फोर्टिस लुधियाना में हमारा संकल्प है कि हम समाज में जागरूकता बढ़ाएँ और लोगों को समय रहते कार्रवाई करने के लिए सक्षम बनाएँ।”

डॉ. किरात सिंह ग्रेवाल, कंसल्टेंट – न्यूरोलॉजी, फोर्टिस अस्पताल, मॉल रोड, लुधियाना ने कहा, “स्ट्रोक किसी को भी, किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन समय पर कार्रवाई और स्वस्थ जीवनशैली से इसे काफी हद तक रोका जा सकता है। सावधानियों में संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को नियंत्रित रखना, और धूम्रपान छोड़ना शामिल हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से हमने लोगों को स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण जैसे अचानक कमजोरी, चेहरे का टेढ़ा होना, बोली में अस्पष्टता आदि को पहचानने और तुरंत डॉक्टर के पास जाने का संदेश दिया।”

डॉ. विष्णु गुप्ता, डायरेक्टर – न्यूरो सर्जरी, फोर्टिस अस्पताल, मॉल रोड, लुधियाना ने कहा, “स्ट्रोक के बाद हर मिनट में मस्तिष्क की लाखों कोशिकाएँ नष्ट हो जाती हैं। इसलिए समय पर कदम उठाना बेहद जरूरी है। त्वरित इलाज का मतलब हो सकता है कि मरीज सामान्य जीवन जी सके — अन्यथा स्थायी विकलांगता का खतरा बढ़ जाता है। शुरुआती कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। यदि मरीज समय पर सही अस्पताल पहुँच जाए, तो क्लॉट हटाने के आधुनिक इलाज और एडवांस्ड न्यूरोसर्जिकल केयर से मरीज की रिकवरी की संभावना काफी बढ़ जाती है।"
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