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फोर्टिस हॉस्पिटल लुधियाना ने स्तनपान के महत्व पर जागरूकता सत्र का आयोजन किया

फोर्टिस हॉस्पिटल लुधियाना ने स्तनपान के महत्व पर जागरूकता सत्र का आयोजन किया

लुधियाना, 07 अगस्त, 2025 (न्यूज़ टीम)
: फोर्टिस हॉस्पिटल लुधियाना ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए स्तनपान के महत्व को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया। इस सत्र में फोर्टिस हॉस्पिटल लुधियाना के विशेषज्ञ डॉक्टरों – डॉ. गौरव मित्तल (वरिष्ठ सलाहकार, बाल रोग), डॉ. गुरसिमरन कौर (प्रमुख सलाहकार, स्त्री एवं प्रसूति रोग), डॉ. शिवानी कौर (सह-परामर्शदाता, बाल रोग) और डॉ. अमानत सिद्धू छीना (सह-परामर्शदाता, स्त्री एवं प्रसूति रोग) – ने भाग लिया।

चर्चा में स्तनपान से जुड़ी विभिन्न चिंताओं पर बात की गई, जैसे कि स्तनपान में आने वाली चुनौतियां, पोषण एवं रोग प्रतिरोधक लाभ, और प्रसवोत्तर देखभाल। सत्र में 50 माताओं ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम ने नई और गर्भवती माताओं को स्तनपान के महत्व को समझाने और उन्हें सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया। सत्र के दौरान उपस्थित महिलाओं ने व्यक्तिगत सलाह और इंटरएक्टिव गतिविधियों में भाग लिया जिससे उन्हें एक संपूर्ण अनुभव मिला।

स्तनपान के महत्व को रेखांकित करते हुए, डॉ. गौरव मित्तल (सीनियर कंसलटेंट, बाल रोग) ने कहा, "स्तनपान शिशुओं के लिए अत्यंत आवश्यक है क्योंकि इसमें स्वास्थ्य, विकास और भावनात्मक लाभों की भरपूर संभावनाएं होती हैं। मां का दूध संपूर्ण और संतुलित आहार होता है, जो आसानी से पचता है और इसमें मौजूद एंटीबॉडी शिशु को संक्रमण से बचाती हैं।”

डॉ. गुरसिमरन कौर (प्रिंसिपल कंसलटेंट, स्त्री एवं प्रसूति रोग) ने कहा, "स्तनपान मां और बच्चे के बीच भावनात्मक संबंध को मजबूत करता है। हालांकि कई नई माताएं शुरुआत में असमंजस या तनाव महसूस करती हैं। उन्हें स्पष्ट मार्गदर्शन और बिना झिझक सवाल पूछने का अवसर मिलना चाहिए। यह याद दिलाना जरूरी है कि स्तनपान न केवल बच्चे के लिए पोषण की दृष्टि से लाभकारी है, बल्कि यह मां के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है, प्रसव के बाद तेजी से ठीक होने में मदद करता है और स्तन व अंडाशय के कैंसर का खतरा भी कम करता है।”

डॉ. शिवानी कौर (एसोसिएट कंसलटेंट, बाल रोग) ने कहा, "हालांकि स्तनपान को सहज माना जाता है, लेकिन यह हर बार प्राकृतिक रूप से नहीं होता। कई माताएं शुरुआत में जानकारी या सही मार्गदर्शन की कमी के कारण कठिनाई महसूस करती हैं। जैसे – बीमार होने पर दूध नहीं पिलाना चाहिए, डाइट सीमित करनी चाहिए, दवाइयां नहीं लेनी चाहिए – ऐसे कई मिथक नई माताओं में भ्रम पैदा करते हैं। इसलिए शुरुआती काउंसलिंग बहुत जरूरी है।”

डॉ. अमानत सिद्धू छीना (एसोसिएट कंसलटेंट, स्त्री एवं प्रसूति रोग) ने कहा, "अभी भी स्तनपान से जुड़ी परेशानियों पर खुलकर बात करने में झिझक होती है। डॉक्टर होने के नाते हमें ईमानदार संवाद को बढ़ावा देना चाहिए और ऐसा वातावरण बनाना चाहिए जहां माताएं समझी और समर्थ महसूस करें। हमारा उद्देश्य है कि हर मां अपने बच्चे की परवरिश में आत्मविश्वास महसूस करे। स्तनपान सिर्फ पारंपरिक आदत नहीं, बल्कि एक आवश्यक प्रक्रिया है क्योंकि यह शिशु को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। फार्मूला दूध, मां के दूध जैसी रोग प्रतिरोधक क्षमता और पोषण नहीं दे सकता। सही मार्गदर्शन से कामकाजी महिलाएं भी सफलतापूर्वक स्तनपान कर सकती हैं।”

फोर्टिस हॉस्पिटल लुधियाना के फैसिलिटी डायरेक्टर, श्री सनवीर सिंह भाम्बरा ने कहा, “इस स्तनपान सप्ताह जागरूकता पहल के माध्यम से हमारा उद्देश्य स्तनपान के महत्व और उससे जुड़ी चुनौतियों पर खुलकर बात करने को सामान्य बनाना है। साथ ही, महिलाओं को इस विषय में आवश्यक जानकारी और चिकित्सा सहायता प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाना है। स्तनपान बच्चे के दीर्घकालिक स्वास्थ्य की नींव है और मां-बच्चे के बीच संबंध को भी मजबूत करता है।”

ऐसी पहलों के माध्यम से फोर्टिस हॉस्पिटल लुधियाना जीवन के पहले चरण से ही करुणामय और प्रमाण-आधारित देखभाल प्रदान करने तथा एक स्वस्थ समाज के निर्माण की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।
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