लुधियाना, 09 नवंबर, 2022 (न्यूज़ टीम): वर्ष 2022 के लिए सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार व छात्रवृत्तियां नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट द्वारा प्रदान की गईं, जिसकी स्थापना 1983 में स्वर्गीय श्री सत पॉल मित्तल ने की थी। पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि पंजाब के माननीय राज्यपाल श्री बनवारीलाल पुरोहित" ने इन पुरस्कारों को प्रदान किया। इस अवसर पर नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट के अध्यक्ष और भारती इंटरप्राइजेज के उपाध्यक्ष श्री राकेश भारती मित्तल भी उपस्थित थे।
व्यक्तिगत और संस्थागत श्रेणियों में सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं को वर्ष 2022 के लिए सत पॉल गोल्ड अवार्ड और प्लेटिनम पुरस्कार के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए, साथ ही नकद पुरस्कार के रूप में कुल ₹12 लाख भी प्रदान किए गए।
सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि के छात्रों को उनकी शिक्षा पूरी करने में सहायता करने के लिए, नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट ने मित्तल-पांडे स्कालरशिप (मेधावी), मित्तल-पांडे स्कालरशिप (स्नातक), मित्तल-पांडे स्कालरशिप (स्नातकोत्तर), मित्तल-पांडे स्कालरशिप (व्यावसायिक) व नेहरू स्कालरशिप श्रेणियों के तहत दी जाने वाली 1500 स्कालरशिप के लिए लगभग 90 लाख की मंजूरी दी है।
डॉ. राधिके खन्ना को "व्यक्तिगत" श्रेणी में सत पॉल मित्तल प्लेटिनम पुरस्कार 2022 प्राप्त हुआ
वे स्पेशल एजुकेशन के क्षेत्र में अग्रणी हैं और दिव्यांगों के मुद्दों का सक्रिय रूप से समर्थन करती हैं, विशेष रूप से बौद्धिक दिव्यांग लोगों के लिए। वे तीन संगठनों की निदेशक हैं, ओम क्रिएशंस ट्रस्ट, ओम एबोड सोशल इनोवेशन इंस्टीट्यूट और श्रद्धा चैरिटेबल ट्रस्ट। अपनी नवीन शिक्षण तकनीकों के साथ, उन्होंने स्पेशल एजुकेशन प्रदान करने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षित करने और विशेष आवश्यकता वाले लोगों की व्यापक समझ सुनिश्चित करने के लिए नए दृष्टिकोण स्थापित किए हैं। अपनी 35 वर्षों की यात्रा में, उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में योगदान दिया है, विशेष रूप से सक्षम युवा वयस्कों को प्रभावित और सशक्त बनाया है और राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर मान्यता अर्जित की है।
हेल्पेज इंडिया को "संस्थागत" श्रेणी में सत पॉल मित्तल प्लैटिनम अवार्ड 2022 मिला
हेल्पेज की स्थापना 1978 में हुई थी और अब यह भारत के 26 राज्यों में 245 स्थानों पर कार्यरत है। इसने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से देश भर में 2 मिलियन से अधिक बुजुर्गों का समर्थन किया है. 8000+ बुजुर्गों के लिए बने स्व-सहायता-समूह (एसएचजी) के माध्यम से एक लाख से अधिक बुजुर्गों को सुरक्षा प्रदान की गई है। हेल्पेज इंडिया 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 2400 गांवों में 165 मोबाइल हेल्थकेयर इकाइयों के साथ, बुजुर्गो के लिए एशिया के सबसे बड़े मोबाइल हेल्थकेयर नेटवर्क में से एक संचालित करता है। इसकी राष्ट्रीय टोल फ्री हेल्पलाइन सेवा, जो 15 राज्यों में सक्रिय है, भारत में अपनी तरह की पहली सेवा है। हेल्पेज सरकार द्वारा सहयोग प्राप्त एल्डरलाइन का भी संचालन करता है और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के कार्य समूहों का भी सहयोग करता है।
श्री जादव पायेंग को "व्यक्तिगत" श्रेणी में सत पॉल मित्तल गोल्ड अवार्ड 2022 प्राप्त हुआ
जादव "मोलाई" पायेंग माजुली के पर्यावरणविद् और वानिकी कार्यकर्ता हैं। लोकप्रिय रूप से उन्हें "द फॉरेस्ट मैन" के रूप में जाना जाता है, उन्होंने अपने जीवन के पिछले 30 वर्षों को 550 हेक्टेयर शुष्क भूमि को हरे-भरे जंगल में बदलने के लिए लगभग 4 करोड़ पेड़ लगाने में समर्पित किया है। श्री पायेंग के लगाए हुए जंगल को उनके सम्मान में मोलाई वन के नाम से जाना जाता है और इसे देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक और पर्यावरणविद आते हैं। उनके वनीकरण प्रयासों के परिणामस्वरूप इलाके में वन्यजीवन एक बार फिर लौटा है। समाज में उनके इस बहुमूल्य योगदान के लिए, वर्ष 2015 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया था।
सासाकावा इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन को "संस्थागत" सत पॉल मित्तल गोल्ड अवार्ड्स 2022 प्राप्त हुआ
नवंबर 2006 में स्थापित सासाकावा-इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन (एस-आईएलएफ), सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण के माध्यम से कुष्ठ रोगियों और उनके परिवारों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास करता है और उन्हें गरिमामयी जीवन जीने में सहायता करता है। 18 राज्यों में फैली 289 कॉलोनियों में एस-आईएलएफ आजीविका परियोजनाओं से 2,800 से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। साथ ही, 300 से अधिक विद्यार्थियों को उच्च व्यावसायिक शिक्षा के अवसर प्राप्त हुए हैं और 400 बच्चे स्कूली पढ़ाई समाप्त होने बाद प्रशिक्षण के लिए बने शिक्षण केंद्रों से लाभान्वित हुए हैं। एस-आईएलएफ द्वारा अपने कई कुष्ठ जागरूकता अभियानों के माध्यम से 20 लाख से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई गई है।
नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री राकेश भारती मित्तल ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा, "नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ समाज के वंचित वर्गों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम इस अथाह समर्थन और उत्कृष्ट पुरस्कार प्रविष्टियों के लिए आभारी हैं, जो पुरस्कार विजेताओं के समाज के प्रति उनके निस्वार्थ समर्पण को प्रदर्शित करते हैं। मैं समाज के सबसे कमजोर समूहों के उत्थान में प्रत्येक पुरस्कार विजेता द्वारा दिखाई गई करुणा, समर्पण और उनके द्वारा किए गए अभूतपूर्व कार्यों के लिए बधाई देता हूं। इन लोगों और संगठनों के परिवर्तनकारी कार्यों ने एक ऐसी विरासत खड़ी की है, जो लोगों को समग्र रूप से समाज के समावेशी विकास के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। वर्तमान में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक ऐसी "शिक्षा क्रांति" की शुरुआत हुई है, जो भारत की शैक्षिक प्रणाली को विश्व मानचित्र पर प्रदर्शित करते हुए शिक्षा में समावेशिता और समानता सुनिश्चित करेगी।"
प्रतिवर्ष असाधारण मानव सेवा के लिए "सत पॉल मित्तल प्लेटिनम अवार्ड्स" और "सत पॉल मित्तल गोल्ड अवार्ड्स" दिए जाते हैं। प्रति वर्ष नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, भोजन, आश्रय, गरीबी उन्मूलन, कला, संस्कृति, बाल अधिकार, विकलांग कल्याण और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित करने के लिए नामांकन आमंत्रित करता है।
पूर्व में इस पुरस्कार को प्राप्त करने वालों डॉ ई श्रीधरन, डॉ एस एस बद्रीनाथ, सुश्री इला आर भट्ट, स्वर्गीय श्री सुनील दत्त, श्री अन्ना हजारे, अक्षय पात्र फाउंडेशन, एसओएस चिल्ड्रन विलेज, स्वामी विवेकानंद युवा आंदोलन शामिल हैं। नवज्योति दिल्ली पुलिस फाउंडेशन फॉर करेक्शन डी-एडिक्शन एंड रिहैबिलिटेशन आदि शामिल हैं।